उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ मेट्रो के कमर्शियल रन का उद्घाटन वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री और स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह अगले महीने यानी पांच सितम्बर को करेंगे। हालांकि, लखनऊ मेट्रो में यात्रियाों की आवाजाही एक दिन बाद यानी छह सितम्बर को ही शुरू हो सकेगी।
इस तरह लखनऊ मेट्रो देश में सबसे कम समय में अपने व्यावसायिक स्तर को प्राप्त करने वाला मेट्रो बन जाएगा। लखनऊ मेट्रो का जमीन पर काम 27 अक्टूबर, 2014 में शुरू हुआ था।
30 नवम्बर, 2016 को अखिलेश ने मेट्रो के ‘ट्राएल रन’ का अनावरण उस वक़्त सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में किया था और 2017 उप्र चुनाव में अपनी जीत के प्रति आशावान होकर ये भी दावा किया था कि मेट्रो के कमर्शियल रन का उद्घाटन भी वे ही करेंगे लेकिन उनकी पार्टी की चुनाव में करारी हार हुई और भाजपा का उत्तर प्रदेश की सत्ता में 15 साल के बाद पदार्पण हुआ और योगी मुख्यमंत्री बने।
लखनऊ मेट्रो की शुरुआत 27 मार्च, 2017 से होने की बात कही जा रही थी लेकिन बाद में केंद्रीय संगठनों द्वारा जरूरी प्रमाणपत्र एवं हरी झंडी न मिलने के चलते, इसमें देरी हुई।
पहले चरण में, लखनऊ मेट्रो 8.5 किमी के रूट पर अमौसी एअरपोर्ट से चारबाग़ रेलवे स्टेशन के बीच दौड़ेगी। ये सेक्शन मेट्रो के 23 किमी लम्बे नार्थ-साउथ गलियारे का प्रथम हिस्सा है, जिसमें करीब Rs 6,800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
शहर में अन्य सेक्शन पर भी काम तेजी से चल रहा है जिसके चलते लखनऊ के मुख्य मार्गों में यातायात पर प्रतिबन्ध भी लगा हुआ है और कभीकभी 'पीक आवर्स' में भ्ाारी जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इसके पहले, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (EIB) को केंद्र सरकार नें लखनऊ मेट्रो के लिए Rs 3,502 करोड़ के कर्ज के लिए अनुबंधित किया था।