गोरखपुर में बीआरडी के दौरे के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए, योगी ने पत्रकारों को 2-3 के समूहों में हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर वार्डों का निरिक्षण करने हेतु व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं, जिससे पत्रकार वस्तुस्तिथि से अवगत हो कर सधी हुई रिपोर्टिंग करें। उन्होंने कहा, “आप सभी के आग्रह है कि आप वार्डों में जाएँ और खुद देखें कि बच्चों का कैसे इलाज हो रहा है, और स्वयं सही निर्णय कर के वास्तविक रिपोर्टिंग करें।”
मुख्यमंत्री आज सुबह लखनऊ से गोरखपुर रवाना हुए थे। पत्रकार वार्ता में उनके साथ केंद्रीय स्वस्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। योगी ने बताया उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्यवाही कि जायेगी। उन्होंने कहा, “आप सब निश्चित रहें कि इस मामले में दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा और ऐसी सजा मिलेगी जो कि मिसाल बने अन्य लोगों के लिए।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए बल्कि संवेदना होनी चाहिए। उन्होंने पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। योगी ने बताया कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं उनको फ़ोन कर के मामले की जानकारी ली है और केंद्र सरकार से हर संभव मदद देने की भी पेशकश की। मीडिया से बात करते करते योगी भावुक भी हुए और कहा कि उन्होंने गोरखपुर में इन्सेफेलाइटिस कि लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ी है और उनसे ज्यादा इस मामला से कोई और जुड़ाव नहीं महसूस कर सकता।
इस बीच नड्डा के साथ दिल्ली से आयी चिकित्सकों की टीम भी इस मामले में जानकारी ले रही है। गोरखपुर में केंद्र सरकार एक वायरल रिसर्च सेंटर भी स्थापित करने जा रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में, योगी ने कहा कि BRD मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 3000 से 5000 रोगी आते हैं और ये हॉस्पिटल पूर्वी उत्तर प्रदेश की 5 करोड़ की जनसंख्या को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करता है। यहां पर 950 बिस्तरों का अस्पताल है, जिसकी क्षमता बढ़ाने की तैयारी हो रही है।