योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज कहा कि प्रदेश में चल रहे गन्ना पेराई सत्र में लिप्त 'गन्ना माफिया' पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी, जिसमें कम से कम तीन महीने कैद का प्रावधान है।
'गन्ना माफिया' उन तत्वों को कहा जाता है जो छद्म तरीके से प्रदेश में कार्यरत गन्ना समितियों में किसान बन कर पंजीकृत हो जाते हैं और पेराई सत्र में ख़ास तौर से छोटे किसानों से कम दाम में गन्ना खरीद कर मिलों को ऊंचे दाम में बेंच कर मुनाफा कमाते हैं।
प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी के अनुसार कुछ चीनी मीलों की भी संलिप्त इस तरह के गैरकानूनी कामों में पाई गयी है। संलिप्त पाए जाने पर, ऐसी मिलों के खिलाफ भी NSA के तहत ही कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऐसी तत्वों से न केवल गन्ना किसानों का आर्थिक नुकसान होता है बल्कि गन्ना विभाग की भी छवि धूमिल होती है, इसलिए सख्त कार्यवाही की ज़रुरत है।
भूसरेड्डी ने प्रदेश के सभी उप गन्ना आयुक्तों एवं जिलों में तैनात गन्ना अधिकारीयों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे तत्वों के खिलाफ NSA के अंतर्गत पुख्ता केस बना कर सम्बंधित जिलाधिकारी के समक्ष पेश करें, जिससे उन्हें दंड मिल सके।
मौजूदा 2017-18 गन्ना पेराई सत्र में योगी सरकार ने पिछले महीने ही 10 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रदेश के गन्ना मूल्य में वृद्धि की थी।
अब सामान्य गन्ना प्रजाति कर मूल्य दस रुपए बढ़ कर 315 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है क्योंकि करीब 70 प्रतिशत गन्ना सामान्य प्रजाति का ही बोया जाता है, इस कारण यह मूल्य औसत गन्ना मूल्य कहा जा सकता है।
पिछले सत्र में, उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वाधिक करीब 87.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था और गन्ना किसानों का कुल देय 25,386 रुपए करोड़ तक पहुंच गया था।
इस सत्र का गन्ना क्षेत्र पिछले साल के मुक़ाबले अधिक होने के कारण चीनी उत्पादन करीब 110 लाख टन होने का अनुमान है, वहीँ किसानों का कुल देय भी बढ़ कर 30,000 करोड़ रुपए तक जाने का भी अनुमान लगाया गया है।