लखनऊ। अन्नदाता किसान सदैव हमारे लिये वरण्य एवं सम्मानित रहा है । भारत जैसे कृषि प्रधान देश में आप सब गर्मी सर्दी बरसात की परवाह के बगैर निरंतर अपने परिश्रम से और अपने पुरुषार्थ से उत्तर प्रदेश और देश के अंदर खुशहाली लाने का कार्य कर रहें हैं और प्रदेश को देश को सबसे बङी अर्थव्यवस्था बनाने में अपना सहयोग प्रदान कर रहें हैं उसके लिये आप सभी का अभिनन्दन करता हूँ। ये बातें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन सभागार में आयोजित 50 लाख 10 हजार अंशधारक कृषक सदस्यों को अंश प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जहाँ एक ओर ब्राजील जैसे देश और महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों की आधी चीनी मिलें बंद हो गई वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार ने किसानों की समस्याओ को लेकर चिन्ता की। सरकार ने लॉकडाउन में नई तकनीक का उपयोग कर ई–पर्ची और पोर्टल के माध्यम से गन्ना किसानों को सहूलियत देते हुये चीनी मिलों को सफलतापूर्वक संचालित किया। भ्रष्टाचार पर प्रहार करना है तो हमें अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग करना होगा यदि तकनीक न होती तो हमारे लिये चुनौती होती और चीनी मिलें न चल पाती।
उन्होंने कहा कि यहाँ का किसान अन्य राज्यों का भी पेट भरता है। यहाँ 11 किसान भाईयों ने अपनी बात रखी जिनकी वाक्पटुता अभिनन्दनीय है। आज किसान धाराप्रवाह अपनी बात रख रहे यह जताती है कि किसानों को व्यावहारिक जानकारी है। आने वाला समय गन्ना किसानों का है। चीनीं मिलों के पुरूद्धार को लेकर एक बङे कार्यक्रम को सरकार आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जो गन्ना समितियां निष्क्रिय कर दी थी हमारी सरकार ने उन्हें फिर से एक्टिव किया। गन्ना विभाग ने तकनीक अपनायी है जिससे गन्ना किसानो को उनके परिश्रम का सही लाभ मिल सके। गन्ना माफिया कैसे पहले हावी थे लेकिन आज व्यवस्था नई है। गन्ना माफिया ने हमेशा तकनीक का विरोध किया लेकिन आज किसान के पास तकनीक है जिससे गन्ना किसान घटतौली और बिचौलियों से मुक्त हुआ है।
मुख्यमन्त्री ने बताया कि यूपी में 2007 से 2017 के बीच हुए गन्ना भुगतान से डेढ़ गुना भुगतान किया गया। आज गन्ना किसानों को एक लाख 77 हजार करोड़ रूपये से अधिक गन्ना मूल्य का रिकार्ड भुगतान किया जा चुका है। किसान को सही तकनीक मिले और चीनी मिलें समय से चलें, गन्ने की पेराई और भुगतान समय से हो इसके लिये सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आज आपको यहाँ पर बुलाकर अंश प्रमाण पत्र वितरित किया जा रहा है आने वाले समय में ठीक इसी प्रकार से यहीं बुलाकर गन्ना किसानों को बोनस भी वितरित किया जायेगा।
सीएम योगी ने गन्ना विभाग को निर्देश दिये कि कहा कि नए पेराई सत्र शुरू होने से पहले किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य मिल जाना चाहिए। किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। पहले की सरकारें अनिर्णय की शिकार थीं और जो भी निर्णय लिए जाते थे वो उनके अपने हितों वाले होते थे। किसानों का हित उसमें शामिल नहीं था। किसानों का हक कोई न मार सके इसलिए ई-पर्ची व्यवस्था का प्रयोग किया जा रहा है। हमारी सरकार ने गन्ना माफियाओं की कमर तोड़ दी है।
उन्होंने बताया कि अब तक 82 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान हो चुका है। शेष छह सात हजार करोड़ के बकायेदार चीनी मिल समूहों की नकेल कसी जा रही है जो चीनी मिल समूह चीनी की बिक्री से मिली धनराशि अपने दूसरे उद्योग में लगा रहा है तो उसके दूसरे उद्योग से वसूली करके किसानों को उनका बकाया गन्ना मूल्य दिलवाया जाएगा।