मायावती और अखिलेश सरकार के खास आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल से सभी चार्ज छीनकर उनका विभाग अवनीश अवस्थी को दे दिया गया है। इसी तरह अखिलेश के खास आईएएस रमारमण को भी वेटिंग में डाल दिया गया है। मायावती सरकार और अखिलेश यादव सरकार में भी आईएएस रमा रमण का दबदबा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा या फिर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में चाहे जितने भी बड़े घोटाले हुए हो, लेकिन रमा रमण की कुर्सी बनी रहे। यही वजह थी कि हाईकोर्ट को उन्हें हटाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
अखिलेश सरकार में मुख्यमंत्री सचिव रहीं अनीता सिंह को भी वेटिंग में डाल दिया गया है। उनकी जगह मृत्यंजय नारायण को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है। यूपीएसआईडीसी से अमित घोष, गुरुदीप सिंह, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी विजय यादव, डिंपल वर्मा को भी वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। गुरुदीप सिंह को अवैध खनन मामले में हटाया गया है। उनकी जगह आर पी सिंह को खनन प्रमुख सचिव बनाया गया है।
डिंपल वर्मा की जगह अनीता मेश्राम को सचिव बाल विकास बनाया गया है। अमित घोष की जगह रणवीर प्रसाद को यूपीएसआईडीसी की जिम्मेदारी दी गई है। अमित मोहन प्रसाद को सीईओ नोएडा और ग्रेटर नोएडा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अलोक सिन्हा को प्रमुख सचिव उद़योग विकास का चार्ज मिला है। लखनऊ के कमिश्नर भुवनेश कुमार को भी हटा दिया गया है।