इसके बाद गांव की ही गुस्साई भीड़ ने अखलाक के घर धावा बोल दिया। हमले में अखलाक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनके 22 वर्षीय बेटे को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया में इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार सहित हिंदूवादी संगठनों की जमकर आलोचना भी हो रही है।
मोहम्मद अनस- प्रोफाइल में तिरंगे वाली फोटो लगानी है। जरा बताएं कि कैसे लगती है? दादरी में एक घर में घुस कर लोगों को इसलिए मारा गया कि मोहल्ले की मंदिर से एलान हुआ कि फलां के यहां गौकशी हुई है। भीड़ जल्लाद बन कर उस घर की महिलाओं और पुरुषों पर टूट पड़ी। मुझे जल्दी बताएं कि तिरंगे से चिपकी फोटो लगाऊं या उन लोगों के बहे हुए खून से जिनको मार दिया गया।
सलीम मंटो- दादरी में एक मंदिर से घोषणा होती है। कहा जाता है कि गांव के एक किसान अखलाक के घर गोमांस खाया जाता । उसके फ्रीज में गोमांस के टुकड़े हैं । इस घोषणा से लोग भीड़ बन जाते हैं । अखलाक को उसके घर में घुसकर, उसकी 18 वर्षीया लड़की साजिदा और पूरे परिवार के सामने इतना पीटा जाता है कि वो मर जाता है। उसका बेटा दानिश लहूलुहान हो जाता है। सुबह आंख मीजते हुए उठने पर ऐसी खबरों से बचने के लिए क्या किया जाए? पेपर न पढ़ें? जरूरी खबर है। दर्दनाक खबर है। साजिदा के सवालों के सामने दर्दनाक शब्द छोटा लग रहा है। झुंझलाहट और शर्म महसूस हो रही है। लोग ऐसे कैसे मार डालते हैं ? अपने ही गांव के आदमी को? वैसे तो गोमांस की खबर अफवाह थी लेकिन ये लोग कौन हैं? कैसे ठेकेदार हैं? जो फ्रीज़ तक की खबर रखते हैं। देख लो सरकार, तुम्हारा डिजिटल इंडिया।
मोहम्मद जकारिया खान- आपकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए ये आबादी आपके सामने गौमांस नहीं खाती, क्या ये भावनाओं का ख्याल नहीं है? यदि आप चाहते हैं, कि सम्मान हो तो किसान के द्वारा गौवंश को कसाई को बेचने पर रोक लगाईए।
कुमार सुनील- दादरी कि यह एक घटना जहां यह अफवाह फैलाई जाती हैं कि मु० अखलाक के घर गोमांस खाया गया। गुस्से से भरी एक अच्छी खासी भीड़ अखलाक के घर जाकर उसे और उसके बेटे की जमकर पिटाई करती है । जिसमें अख़लाक की मौत हो गई और उनके बेटे का अस्पताल में ईलाज चल रहा है। माना कि अखलाक ने गोमांस पकाया और खाया लेकिन गोमांस खाने के बाद भी वह अपने घर मे शांति से था और शाकाहारी इतना उग्र हो गए कि अखलाक को तब तक मारते रहे जब तक उसकी जान न निकल गई। अगर शाकाहारी होकर आपकी ऐसी दशा है तो भई, दाल-चावल पर पाबंदी लग जानी चाहिए।
बीपी सिंह- एजेंडा गाय बचाना नहीं है, एजेंडा तो कुछ और ही है।