शहर के परेल इलाके में 18 मंजिला क्रिस्टल टॉवर की 12वीं मंजिल पर बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे आग लग गई। धुएं में दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई। इनमें एक बुजुर्ग महिला और तीन पुरुष शामिल हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद करीब 20 लोगों को केईएम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। एएनआई के मुताबिक, अफरातफरी के बीच 10 साल की एक छात्रा जेन सदावर्ते ने सूझबूझ से काम लिया। उसने स्कूल में बताए आग से बचने के उपायों को अपनाकर परिवार और कई पड़ोसियों की जान बचाई।
जेन ने बताया, ''मैं उस वक्त कमरे में सो रही थी। मां ने सबसे पहले धुआं देखा और परिवार के सभी सदस्यों को जगाया। कमरों में धुंआ तेजी से भरता जा रहा था। हमें सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी। पिता ने कहा कि किचन सबसे सुरक्षित है, हमें वहीं चलना चाहिए। इस बीच, मैंने सबको बताया कि कार्बन वाले हानिकारक धुएं से बचने के लिए मुंह पर कॉटन का गीला कपड़ा लगाना चाहिए। स्कूल में मुझे फायर ड्रिल के दौरान टीचर ने यह बात बताई थी।''
Zen Gunratan Sadavarte, a 10-year-old girl helped in evacuation operation during the fire that broke out in Mumbai's Crystal Tower, today, says. 'I convinced people to put wet cloth on their face so that they do not suffocate. I had done a research on this.' #Maharashtra pic.twitter.com/9Gk7vgDao2
— ANI (@ANI) August 22, 2018
फायर डिपार्टमेंट के एक अफसर ने कहा कि इस इमारत में आग बुझाने के प्रबंध नहीं किए गए थे। ऐसे में सोसायटी पर केस दर्ज किया जाएगा। बिल्डिंग को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। इसमें बिजली और पानी की सप्लाई रोक दी गई है।