नीट परीक्षा के दौरान हुई कथित धांधली का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। राजनेताओं- छात्रों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले में कूद चुका है। आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की याचिका पर निजी पक्षों को नोटिस जारी किया, जिसमें विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित मामलों को मुकदमेबाजी की अधिकता से बचने के लिए शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इसके अलावा, नीट काउंसलिंग पर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के वकील की इस दलील पर गौर किया कि प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों के आधार पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक, 2024 को रद्द करने की मांग वाली कई याचिकाएं कई उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। पीठ ने कहा, "नोटिस जारी करें।" उन्होंने कहा कि इन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी।
इस बीच, एनटीए ने कहा कि वह तीन अन्य याचिकाओं को वापस लेना चाहता है, जो उच्च न्यायालयों से मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग कर रही थीं, क्योंकि वे 5 मई को परीक्षा के दौरान समय की हानि के कारण 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क देने से संबंधित थीं। एनटीए के वकील ने कहा कि मुद्दा सुलझ गया है और वह 1,536 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क रद्द करने के फैसले और शीर्ष अदालत के 13 जून के परिणामी आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित करेंगे।
नीट-यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, केंद्र और एनटीए ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए ग्रेस मार्क को छोड़ने का विकल्प होगा।
यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने इसमें भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन 4 जून को घोषित किए गए, जाहिर तौर पर क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो गया था। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए। कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को दिल्ली में दर्जनों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें कि 67 छात्रों ने पूर्ण 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र सूची में शामिल हैं। इससे अनियमितताओं का संदेह बढ़ गया है। यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की है। देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।