राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कहा है कि आरोपी तहव्वुर राणा ने 26/11 के मुंबई हमलों की तरह ही कई अन्य भारतीय शहरों को भी निशाना बनाने के लिए साजिश रची थी।
एनआईए ने कहा कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत आरोपी संख्या एक डेविड कोलमैन हेडली ने अपनी भारत यात्रा से पहले पूरी साजिश पर राणा से बात की थी।
एनआईए ने अदालत को बताया कि संभावित चुनौतियों की आशंका से हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था जिसमें उसके सामान और परिसंपत्तियों का ब्योरा था। एजेंसी ने साथ ही बताया कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया था। दोनों इस मामले में आरोपी हैं।
एनआईए ने बृहस्पतिवार देर रात विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष अपनी दलीलें रखीं जिन्होंने राणा को 18 दिन के लिए एनआईए हिरासत में भेज दिया।
अपने आदेश में, न्यायाधीश ने एनआईए को हर 24 घंटे में राणा की मेडिकल जांच कराने और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने देने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने राणा को केवल एक ‘सॉफ्ट-टिप’ कलम का उपयोग करने और एनआईए अधिकारियों की मौजूदगी में अपने वकील से एक निश्चित दूरी से मिलने की अनुमति दी।
दलीलों के दौरान, एनआईए ने कहा कि साजिश के सभी आयामों को एक साथ जोड़ने के लिए राणा की हिरासत की आवश्यकता है और उसे 17 साल पहले हुई घटनाओं के बारे में फिर से जानने के लिए विभिन्न स्थानों पर ले जाना होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेंद्र मान ने एनआईए की ओर से दलील पेश कीं।
सूत्र ने बताया कि महत्वपूर्ण साक्ष्यों को एक साथ जोड़ने और 17 साल पहले की घटनाओं को फिर से जानने के लिए अधिकारी राणा को प्रमुख स्थानों पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें अपराध स्थल का नाटकीय रूपांतरण करने और बड़े आतंकी नेटवर्क के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
एनआईए और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राणा की पेशी के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे।
राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा, इस दौरान एजेंसी ‘2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने के लिए उससे विस्तार से पूछताछ करने’ की योजना बना रही है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग घायल हो गए थे।