महाराष्ट्र के कल्याण के दुर्गाडी किला क्षेत्र में शनिवार को उस समय तनाव उत्पन्न हो गया जब शिवसेना के दोनों गुटों (उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी की चोटी पर स्थित देवी दुर्गा मंदिर तक पहुंचने का प्रयास किया, जबकि उस समय पहाड़ी की तलहटी में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की जा रही थी।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (उबाठा) और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के कार्यकर्ता सुबह अलग-अलग किले की तलहटी में पहुंचे और मंदिर तक जाने देने की मांग करते हुए घंटियां बजाकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए पुलिस ने लाल चौकी और दुर्गाडी किले पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया तथा सड़कों पर अवरोधक भी लगाए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों गुटों के शिवसैनिकों ने अवरोधक पर चढ़कर किले की ओर बढ़ने की कोशिश की।
उन्होंने बताया,"पुलिस की घेराबंदी तोड़ने की कई कोशिश की गई। शिवसैनिकों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की, लेकिन हमारे कर्मियों ने दृढ़ता से इसका विरोध किया और व्यवस्था बनाए रखी।"
जब आंदोलनकारियों को किले में जाने से मना कर दिया गया तो उन्होंने लाल चौकी पर आरती की।
अधिकारी ने कहा, "जब स्थिति बिगड़ गई और सार्वजनिक व्यवस्था खतरे में पड़ गई, तो हमने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए दोनों गुटों के कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।"
उन्होंने कहा कि किले को सील कर दिया गया है और शनिवार सुबह से वाहनों को आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग मुहैया कराये गये हैं।
किले में नमाज अदा करने को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद वर्षों से चला आ रहा है।
किले के भीतर स्थित मस्जिद और ईदगाह को लेकर कानूनी लड़ाई भी 1976 से जारी है। मजलिस-ए-मुशावरिन मस्जिद ट्रस्ट ने इस मामले में मुकदमा दायर किया था। इस किले में एक हिंदू मंदिर भी स्थित है।