मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने स्वास्थ्य जांच करवाने से इनकार कर दिया है। जालना के कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने सोमवार को पीटीआई से कहा कि लंबे समय तक भोजन न करने से उनके आवश्यक अंगों और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
डॉ. घोडके ने कहा, ‘‘जिलाधिकारी और चिकित्सक हर दो-तीन घंटे के बाद जरांगे से संपर्क कर रहे हैं। लेकिन हर बार उन्होंने स्वास्थ्य जांच और उपचार से इनकार कर दिया। इससे उनके जरूरी अंगों जैसे कि गुर्दे और मस्तिष्क पर असर पर सकता है। उनके शरीर में शर्करा का स्तर निम्न हो सकता है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अंतरवाली सराटी में उनके पारिवारिक चिकित्सक के साथ तथा अन्य चिकित्सकों से संपर्क किया है। आज ग्रामीण जरांगे से चिकित्सा उपचार लेने और अपनी भूख हड़ताल जारी रखने का अनुरोध करने वाले हैं।’’ जरांगे ने घोषणा की है कि अगर राज्य सरकार मराठा समुदाय की लंबित मांग पर कार्रवाई करने में नाकाम रही तो समूचे महाराष्ट्र में आमरण अनशन के साथ प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।