चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौते के बाद कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "धमकी और तानाशाही का रवैया केवल अलगाव को बढ़ावा देगा।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव कम करने के लिए एक समझौता हुआ है।
शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में वैश्विक सहयोग और आपसी सम्मान की वकालत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी देश को अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों और हाल के तनावों के संदर्भ में देखी जा रही है।
समझौते के तहत, दोनों देशों ने कुछ शुल्कों को कम करने और व्यापार नियमों में सुधार करने पर सहमति जताई है। हालांकि, शी ने चेतावनी दी कि एकतरफा नीतियां और दबाव की रणनीति दीर्घकालिक रूप से किसी के हित में नहीं होगी।
चीन और अमेरिका के बीच यह समझौता वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी अभी भी एक चुनौती है।