शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर टिप्पणी कर लक्ष्मण रेखा पार कर दी है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार न्यायपालिका सहित सभी महत्वपूर्ण संस्थानों को नियंत्रित करना चाहती है।
सामना में लिखा गया, “यह न्यायपालिका में अपनी विचारधारा के लोगों को चाहता है और लोकतंत्र, संसद और विपक्षी नेताओं को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए सरकार अपने लोगों को उच्च न्यायालयों, उच्चतम न्यायालय और अभियोजकों के बीच भी चाहती है।"
रिजिजू ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को "अपारदर्शी" कहा था जिसके माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।
रिजिजू ने कहा था, "मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम की बुनियादी गलती यह है कि जज अपने उन साथियों की सिफारिश कर रहे हैं जिन्हें वे जानते हैं।"
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि कानून मंत्री ने सीमा पार कर ली है, जिसका मतलब है कि उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में दखल देना शुरू कर दिया है।
कोलेजियम सिस्टम पर रिजिजू के बयान की उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना भड़की, मांगा इस्तीफा
शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने...
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