इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने यौन शोषण के आरोपी कांग्रेस सांसद राकेश राठौर की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता ने यह मुकदमा चार वर्ष के बाद दर्ज करवाया है और उनके मुवक्किल को इस मुकदमे में झूठा फंसाया गया है।
शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी कि कांग्रेस सांसद राकेश राठौर एक दबंग नेता हैं, जिसके डर के कारण उनकी मुवक्किल ने मुकदमा देर से दर्ज करवाया।
राठौर के अधिवक्ता ने आत्मसमर्पण के लिए न्यायालय से समय मांगा, जिस पर न्यायालय ने दो हफ्ते के अंदर सांसद को सत्र न्यायालय में समर्पण करने को कहा।
राठौर ने इससे पहले सीतापुर की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
पुलिस ने 17 जनवरी को एक महिला की शिकायत के बाद राठौर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
महिला ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राठौर शादी का झांसा देकर पिछले चार वर्ष से उसका यौन शोषण कर रहा है।