कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे भारत में विभत्स तबाही मचाई थी और इस बार ऐसी विकट परिस्थिति उत्पन्न न हो, इसी को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर तुरंत प्रतिबंध लगाने और विधानसभा चुनाव स्थगित करने का सुझाव दिया।
आज उसी बयान पर अपना वक्तव्य देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि अगले हफ्ते हम यूपी जाएंगे और वहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे और उसके हिसाब से उचित निर्णय लेंगे।
उन्होंने अपने बयान में ये भी कहा कि पहले एक पोलिंग बूथ पर 1500 मतदाता होते थे लेकिन कोविड के मद्देनजर हमने इसे कम करके 1200 कर दिया गया है। इस बार पूरे प्रदेश में 623 नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और अब पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 11,647 हो गए हैं।
ग़ैरतलब हो कि न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि आज फिर से यूपी में विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं, जिसके लिए पार्टियां रैलियां कर रही हैं और लाखों की भीड़ इकट्ठा हो रही हैं। इन कार्यक्रमों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। अगर इसे समय रहते रोका नहीं गया तो परिणाम दूसरी लहर से भी ज्यादा भयावह होगा।
न्यायमूर्ति ने आयोग को सुझाया है कि अगर संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक या दो महीने के लिए टाल दिया जाना चाहिए क्योंकि अगर जीवन चलता रहा तो चुनावी रैलियां चलती रहेंगी।