उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और हत्या मामले में जहां देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं अब प्रदेश की योगी सरकार ने भी इस पर कार्रवाई की है। यूपी सरकार ने ड्यूटी की उपेक्षा के लिए हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर और चार अन्य स्थानीय पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। बता दें कि पुलिस प्रशासन पर आरोप है कि परिवार की सहमति के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया।
सस्पेंड किए गए अन्य लोगों में सर्कल ऑफिसर राम शबद, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब-इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड कांस्टेबल महेश पाल शामिल हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी के अनुसार, इन सभी अधिकारियों को मृतक के परिवार के सदस्यों के साथ घटना के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए नार्को टेस्ट से गुजरना होगा क्योंकि दोनों घटना के संबंध में विरोधाभासी बयान देते रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि मामले की जांच कर रही एसआईटी द्वारा दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हाथरस, बलरामपुर, भदोही में दलित युवतियों के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटनाओं के बाद तीखी आलोचनाएं झेल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ही इस पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि दोषियों को ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है।"