कानपुर प्रशासन ने रविवार को उन लोगों की संपत्तियों को सील करना शुरू कर दिया, जो कथित तौर पर 3 जून की हिंसा में शामिल थे। बता दें कि यहां हिंसा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो बर्खास्त पदाधिकारियों की विवादास्पद टिप्पणियों के कारण हुई थी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि कानपुर पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों में तीन संपत्तियों को सील कर दिया है।
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि हाजी वासी, शबी, सलीम और एच एस मलिक द्वारा बिना उचित मंजूरी लिए बनाई गई संपत्तियों को सील कर दिया गया है।
यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 3 जून की हिंसा में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश देने के एक दिन बाद आया है ताकि कोई भी शांति भंग करने की हिम्मत न करे।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि हाजी वासी, शबी, सलीम और एच एस मलिक ने कानपुर हिंसा के कुछ आरोपियों को वित्तीय सहायता प्रदान की।
सिंह ने पीटीआई को बताया कि जब्त की गई संपत्तियों को संबंधित थाना प्रभारी को सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा, "पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि अगर कोई सील की गई संपत्तियों में प्रवेश करके निर्माण शुरू करने की हिम्मत करता है तो एसएचओ को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दें।"
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस तरह का पहला बड़ा विरोध 3 जून को कानपुर में हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने बाजार बंद करने की कोशिश की और पेट्रोल बम और पत्थर फेंककर लोगों से भिड़ गए।
पिछले शुक्रवार से राज्य के आठ जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन की ऐसी ही घटनाएं देखने को मिली हैं।