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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: पीएम मोदी ने किया परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन, जानिए इससे जुड़ी 10 बातें

सोमवार, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर प्राचीन शहर वाराणसी पहुंचे हैं।...
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: पीएम मोदी ने किया परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन, जानिए इससे जुड़ी 10 बातें

सोमवार, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर प्राचीन शहर वाराणसी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले वाराणसी की सड़कों को साफ-सुथरा कर पूरे शहर को सजाया गया। शहर की संस्कृति, कला और इतिहास को दर्शाने वाले विशाल भित्ति चित्र बनाए गए हैं। वहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की कई इमारतों को रोशनी से जगमगा गया है। प्रधानमंत्री ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के पहले चरण का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने ट्विटर पर वाराणसी के प्राचीन मंदिरों की तस्वीर साझा करते हुए 13 दिसंबर को "ऐतिहासिक" दिन के रूप में संदर्भित किया। उन्होंने कहा था, "काशी में एक विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का उद्घाटन किया जाएगा। इससे काशी की आध्यात्मिक ऊर्जा में इजाफा होगा। मैं आप सभी से कल के कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह करूंगा।"

पीएम की वाराणसी यात्रा के बारे में आपको जो कुछ भी जानने की जरूरत है, उसे आउटलुक ने 10 बिंदुओं में संकलित किया है।

1. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर घाटों को प्रतिष्ठित दशाश्वमेध घाट के पास ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ धाम से जोड़ेगा। इस भव्य परियोजना को 339 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।

2. उद्घाटन से पहले बनारस में पीएम मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वो शहर में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

3. "दिव्य काशी, भव्य काशी" नाम के उद्घाटन समारोह ने वाराणसी में बहुत उत्साह पैदा किया है, जिसका प्रतिनिधित्व खुद पीएम मोदी करते हैं। रविवार को कार्यक्रम की पूर्वानुमान में शहर की सड़कों पर “शिव बारात” जुलूस निकाला गया था।

4. मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 के आसपास करवाया था और 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के ऊपर सुनहरा "शिखर" लगाया था।

5. परियोजना के तहत परिसर का क्षेत्रफल 3,000 वर्ग फुट से बढ़ाकर लगभग पांच लाख वर्ग फुट कर दिया गया है। परियोजना के तहत 40 प्राचीन मंदिरों को भी उनकी पूर्व सुंदरता में बहाल कर दिया गया है। भक्तों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए परिसर में 23 नए भवन भी जोड़े गए हैं

6. 23 नए भवनों में तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं में "सुविधा केंद्र", "वैदिक केंद्र", "मुमुक्षु भवन", "भोगशाला", पर्यटक सुविधा केंद्र और फूड कोर्ट शामिल हैं। 

7. परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को रखी थी। पीएमओ ने कहा कि कोविड -19 महामारी के बावजूद, परियोजना का काम तय समय पर पूरा हो गया है।

8. रिपोर्टों के अनुसार, पीएम मोदी सबसे पहले संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की यात्रा हेलिकॉप्टर से करेंगे। इसके बाद वह काल भैरव मंदिर जाएंगे, जिसके बाद परियोजना के उद्घाटन के लिए जलमार्ग के जरिए घाटों पर पहुंचेंगे। उद्घाटन के बाद वह नवनिर्मित परिसर का भ्रमण करेंगे। इस कार्यक्रम में अन्य प्रसिद्ध कलाकारों और हस्तियों के साथ 3,000 संत शामिल होंगे।

9. यह आयोजन पर्यावरणवाद के संदेश को भी फैलाएगा और मंदिर परिसर में पेड़ लगाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉरिडोर को आंवला, अशोक, बेल, रुद्राक्ष जैसे अन्य जैसे पेड़ों से सजाया जाएगा। उद्घाटन के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद 8 लाख परिवारों में बांटा जाएगा।

10. पीएम के दौरे से पहले, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी और इसके दस्तावेजी सबूत भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने में पीएम की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केवल गलियारे की शुरुआत के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार की है।

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