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मुख्तार अंसारी की 44 कैमरे और एक ड्रोन कर रहे हैं निगरानी, फिर भी पड़ गए कम, इस बात का है डर

चित्रकूट जेल में दो अपराधियों की हत्या और एक को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद मंडल कारागार बांदा...
मुख्तार अंसारी की 44 कैमरे और एक ड्रोन कर रहे हैं निगरानी, फिर भी पड़ गए कम, इस बात का है डर

चित्रकूट जेल में दो अपराधियों की हत्या और एक को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद मंडल कारागार बांदा में सुरक्षा और सख्त कर दी गई है। दरअसल यहां माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर अफसर विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। मुख्तार को 44 कैमरों की निगरानी में रखा गया है, हालांकि जेल प्रशासन इसे भी कम मान रहा है। उसे अब 50 कैमरों की निगरानी में रखने की योजना है। इसके लिए लखनऊ स्थित निदेशालय से छह और सीसीटीवी कैमरे मांगे गए हैं।

मऊ जिले के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी को सात अप्रैल को पंजाब की रूपनगर जेल से बांदा मंडल कारागार स्थानांतरित किया गया था। 14 मई को चित्रकूट जेल में बंदी अंशु ने दो बंदियों की हत्या कर दी। बाद में पुलिस ने उसे भी मुठभेड़ में मार दिया था।

जागरण की खबर के मुताबिक, मृतक बंदी का जुड़ाव मुख्तार से होने को लेकर अधिकारियों ने यहां माफिया की निगरानी बढ़ा दी है। सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसमें 38 सीसीटीवी कैमरों के साथ पांच बॉडी वॉर्न कैमरे व एक ड्रोन कैमरे से निगरानी तो हो रही रही है, बंदीरक्षकों के साथ ही अलग से पीएसी का जेल के अंदर और बाहर दोनों जगह पहरा है। इसके बाद भी जेल प्रशासन को मुख्य चक्र (जेल का सबसे आंतरिक परिसर) व बैरकों के हाते में अभी और कैमरों की कमी लग रही है। इसके चलते छह सीसीटीवी कैमरों की कमी बताकर जेल प्रशासन ने लखनऊ निदेशालय से मांग की है।

खबरों के मुताबिक इसमें उन्होंने बताया कि माफिया की सुरक्षा में मुख्य चक्र समेत बैरक के हातों के कैमरे निकालकर माफिया के ईद-गिर्द लगाए गए हैं। इससे इन अहम जगहों पर कैमरे और लगाए जाने की जरूरत है। अभी उनके पास लगभग 44 कैमरे हैं। छह कैमरे और आ जाने से सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। जेल में सोमवार को माफिया समेत 987 बंदी निरुद्ध हैं। इनमें 42 महिला बंदी भी शामिल हैं।



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