इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े 23 साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को पांच साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने अंसारी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। सरकारी वकील राव नरेंद्र सिंह के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्तार को गैंगस्टर के इस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी। मामले की एफआईआर वर्ष 1999 में थाना हजरतगंज में दर्ज की गई थी।
राज्य के वकील राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और अंसारी को पांच साल जेल की सजा सुनाई।
इससे पहले बुधवार को लखनऊ पीठ ने मुख्तार को 2003 में जिला जेल, लखनऊ के जेलर को धमकाने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया जिसमें उसे सात साल की सजा और 37 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
2003 में लखनऊ के तत्कालीन जिला जेल जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी का आदेश देने पर उन्हें धमकाया गया था। एक निचली अदालत ने इस मामले में अंसारी को बरी कर दिया था। फिलहाल मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद हैं।