उत्तर प्रदेश ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार- 2020 में अपना परचम लहराया है। राज्य ने सबसे ज्यादा अवॉर्ड अपने नाम किए हैं। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को पुरस्कारों की घोषणा की है। ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’ में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान मिला है। उसके बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान और तीसरे पर तमिलनाडु ने कब्जा जमाया है।
मंत्रालय अलग-अलग वर्गों आदि में 57 पुरस्कार देता है। वर्ष 2020 के लिए पुरस्कारों का ऐलान करते हुए जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, देश को कृषि, सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू जरूरतों के लिए 1000 अरब क्यूबिक मीटर पानी की सालाना जरूरत है, लेकिन उपलब्धता कम हो रही है। ऐसे में हमें प्रभावी कदम उठाने होंगे।
उत्तरी जोन में मुजफ्फरनगर सर्वश्रेष्ठ जिला रहा। दूसरे स्थान पर पंजाब का शहीद भगत सिंह नगर है। दक्षिण जोन में केरल का तिरुवनंतपुरम सर्वश्रेष्ठ, जबकि दूसरे पायदान पर आंध्र प्रदेश का कडप्पा है। पूर्वी जोन में बिहार का पूर्वी चंपारण पहले और झारखंड का गोड्डा दूसरे स्थान पर रहे। पश्चिम जोन में मध्य प्रदेश का इंदौर पहले पायदान पर है। इस जोन में गुजरात का वडोदरा और राजस्थान का बांसवाड़ा संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर है। उत्तर-पूर्व जोन में असम का गोलपारा और अरुणाचल प्रदेश के सियांग को सबसे अधिक जल संरक्षण प्रयासों के पहचान मिली।
National Water Awards-2020: UP tops in 'Best State category' followed by Rajasthan, Tamil Nadu
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— ANI Digital (@ani_digital) January 7, 2022
इन पुरस्कारों की शुरुआत 2018 में की गई थी। राष्ट्रीय पुरस्कारों का लक्ष्य देश में जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों और देश के सर्वोत्तम जल संसाधन प्रबंधन की प्रथाओं और जल संरक्षण के नीति नियामक और इससे जुड़े संगठनों को बेहतर अवसर प्रदान करना और उनके काम को पहचान देना है.इसमें जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित किया जाता है। इन पुरस्कारों को मान्यता देने के लिए जल संसाधन नदी विकास, गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, राज्य संगठन और व्यक्तिगत संस्थाओं को मिलाकर 11 विभिन्न श्रेणियों में हर वर्ष 57 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।