नोएडा के चर्चित निठारी कांड में में दोनों आरोपियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद कोर्ट ने दोनों की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है। निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी।
सोमवार को हुई सुनवाई में सुरेंद्र कोली को 12 और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में निर्दोष पाया है। हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोषियों को बरी किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा।
प्रयागराज में निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है। उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे। यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है।"
इससे पहले दोनों को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों पर हाईकोर्ट ने 15 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बता दें कि साल 206 में निठारी कांड का खुलासा हुआ था। निठारी कांड में सीबीआई ने कुल 16 मामले दर्ज किए थे। इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिली है। वहीं मनिंदर पंढेर पर 6 मामलों दर्ज किए थे। पंढेर को 3 मामलों में फांसी की सजा मिली चुकी है। हालांकि दो मामलों में वह पहले से बरी हो चुका है।
क्या था निठारी कांड
साल 2005 से 2006 के बीच चर्चित निठारी कांड ने देश विदेश के लोगों को हिलाकर रख दिया था। दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी में मनिंदर सिंह पंढेर के घर के पास नाले में कंकाल मिले थे। जिसने सभी को हिलाकर रख दिया था।
निठारी केस में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने के केस में आरोपी बनाया था. जबकि मनिंदर सिंह पंधेर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया था।