क्या क्या नही हो रहा है समाज और सरकार मे की बेटी और बेटो मे कोई अन्तर ना हो।पर कई घटनाए ऐसी हो जाती जो सोचने पर मजबूर करती है की क्या समाज को और बदलना होगा ।यूपी के ललितपुर जिले की ये घटना बेटो को वंश चलाने के लिये कितना अहम माना की लगतार बेटी होने से बाप ने आत्महत्या कर लिया ।पूरा मामला थाना मड़ावरा क्षेत्र अंतर्गत धुरवारा गांव का है।जहां के रहने बाले बिनोद की पत्नी को बुधवार को देर रात चौथी बार बेटी पैदा होने से आहत विनोद ने कीटनाशक का सेवन कर लिया जिससे अस्पताल में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी।
बताया गया है पहले से 3 बेटी होने के चलते विनोद अपने बंश को आगे बढ़ाने को लेकर चिंतित था। वही इस बार फिर बेटे की चाहत में अधूरी रह गयी और चौथी बार फिर बेटी पैदा हो गयी। जिससे उसने मौत को आत्महत्या कर ली।
बेटे की चाहत पूरी न होने पर एक पिता ने जहर खा कर अपनी जीवन लीला समाप्त करली है। घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। यह घटना एक जिले की है पर समाज मे बेटी को लेकर पुरानी और छोटी सोच दिखती है और बेटी अभी भी बेटो के बराबर नही है साबित करती दिख रही है।