उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा के लोकसभा सांसद आजम खान को बड़ा झटका लगा है। रामपुर जिला प्रशासन ने कल जौहर विश्वविद्यालय से 70 हेक्टेयर से अधिक भूमि वापस ले ली है। यह कदम तब उठाया गया जब यूपी सरकार के एक्शन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका खारिज कर दी गई थी।
तहसीलदार (सदर) प्रमोद कुमार ने कहा, "उच्च न्यायालय ने जमीन वापस लेने की प्रक्रिया से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है, ऐसे में अब हम जमीन पर कब्जा ले रहे हैं।"
गुरुवार को इलाहाबाद होईकोर्ट ने एडीएम प्रशासन के निर्णय को बरकरार रखते हुए साढ़े 12 एकड़ से अतिरिक्त भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के फैसले को बरकरार रखा। हाईकोर्ट से इस फैसले के बाद अब रामपुर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है और तहसील सदर रामपुर के तहसीलदार ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से जमीन का कब्जा सरकार के हाथ में लिए जाने के लिए नोटिस प्राप्त करने को कहा।
बता दें कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को साल 2005 में कुछ शर्तों के साथ इस विश्वविद्यालय का निर्माण करने के लिए यह जमीन दी गई थी। इस शर्तों का पालन नहीं करने पर राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की। आजम खान ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा ट्रस्ट की सचिव और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान इस ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य हैं।