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संजीव गोंड का अखिलेश पर हमला, बोले- हार तय, फिर भी प्रत्याशी उतार कर एसटी समाज को धोखा दे रहे सपा मुखिया

समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संजीव गोंड ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश...
संजीव गोंड का अखिलेश पर हमला, बोले- हार तय, फिर भी प्रत्याशी उतार कर एसटी समाज को धोखा दे रहे सपा मुखिया

समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संजीव गोंड ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया ने विधान परिषद में अनुसूचित जनजाति का प्रत्याशी उतार कर पूरे समाज का अपमान किया है। जब विधान परिषद में सपा के पास संख्या बल नहीं है और पता है कि हार तय है, तो ऐसे में सपा मुखिया को अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी को उतार कर पूरे समाज का अपमान नहीं करना चाहिए था। वह पूरे समाज को धोखा दे रहे हैं।

यह बातें उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति का वोट लेना जानते हैं, लेकिन उनका सम्मान करना नहीं जानते हैं। सपा सरकार में सबसे ज्यादा उत्पीड़न अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का हुआ है। उस समय सपा मुखिया अखिलेश यादव को इनकी सुध नहीं आई। सपा का चाल, चरित्र और चलन यही है। यह पार्टी जब भी सत्ता में होती है, तो सिर्फ अपने कुनबे की चिंता करती है और संवैधानिक पदों पर भी अपने कुनबे को ही काबिज कराती है।

उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को यह बताना चाहिए कि अपनी सरकार के दौरान उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्या किया है? सपा सरकार ने अनुसूचित जातियों की छात्रवृत्ति रोक दी थी। जबकि योगी सरकार में एक करोड़ 14 लाख से अधिक युवाओं को छात्रवृत्ति देकर उनकी पढ़ाई-लिखाई आसान की जा रही है।

वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया और थारू आदि जातियों को पहली बार मिला अधिकार

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना में गरीब परिवारों को 45 लाख से ज्यादा आवास दिए हैं। आजादी के बाद से ही विभिन्न अधिकारों से वंचित वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया और थारू आदि जातियों को योगी सरकार ने आवास, बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड, रसोई गैस, पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर आदि सुविधाएं दी गई हैं। किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने इन वंचित परिवारों की सुध नहीं ली। योगी सरकार ने इनके जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया।

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