उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एक बार फिर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने यह जानकारी दी। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। ज्ञानवापी में सर्वे के दूसरे दिन सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया।
वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि सर्वे टीम सुबह परिसर पहुंची और अपना काम फिर से शुरू किया, जो शाम पांच बजे समाप्त होगा। मिश्रा शुक्रवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान सर्वेक्षण टीम के साथ थे।
इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद एएसआई की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई थी और सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था।
शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने भई सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।
वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।
ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया है।