मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अन्य राज्यों को उत्तर प्रदेश के मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। दरअसल, राज्य लौटे प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए योगी सरकार ने प्रवासन आयोग बनाने का निर्णय लिया है। रविवार को सीएम योगी ने कहा कि कोई अन्य राज्य, जो यूपी से मजदूर चाहते है, उन्हें इसकी अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी श्रमिक हमारे लोग हैं और यदि कुछ राज्य उन्हें वापस चाहते हैं, तो उन्हें राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
महाराष्ट्र में भी काम करने वालों को लेनी होगी अनुमति: राज ठाकरे
एक दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मजदूरों के रोजगार पर अन्य राज्यों के लिए दिए गए आदेश पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा कि मजदूरों को महाराष्ट्र में काम करने के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।
प्रवासन आयोग के बारे में सीएम ने दी जानकारी
प्रवासन आयोग के बारे में जानकारी देते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस आयोग के तहत प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों से जुड़े विभिन्न तथ्यों पर गौर करना और उनके लिए सामाजिक-आर्थिक व कानूनी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए एक आधिकारिक रूप रेखा तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया है ताकि इनका शोषण भी रोका जा सके।
'राज्य लौटे 25 लाख श्रमिक'
राज्य के मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के मुताबिक इस दौरान राज्य में अब तक करीब 25 लाख श्रमिक राज्य लौट चुके हैं। आए प्रवासियों को लेकर सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि इसके लिए प्रवासन आयोग का गठन किया जाएगा। अवनीश अवस्थी ने कहा कि सीएम योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को बीमा दिया जाए ताकि उनका जीवन सुरक्षित हो सके। अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि इनलोगों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक योजना शुरू की जाए।
'इन तीन चीजों का आश्वासन राज्यों को देना होगा'
रविवार को सीएम ने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत किया जा रहा है और उनके कौशल की भी समीक्षा की जा रही है। इन श्रमिकों को अन्य राज्यों द्वारा बुलाए जाने पर उन्हें सामाजिक-कानूनी-मौद्रिक अधिकारों के लिए आश्वासन प्रदान करना होगा।