उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की बड़ी योजना बना रही है। बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़ के दौरान होने वाले नुकसान को रोकने और लोगों की जान बचाने का मजबूत तंत्र स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर राज्य सरकार प्रदेश के 25 जनपदों में आपदा मित्र और आपदा सखी योजना को विस्तार देने जा रही है। योजना में जनपद के 18 से 40 आयु वर्ग के ऐसे वालेंटियर्स को प्राथमिकता दी जाएगी जो सिविल डिफेंस, होमगार्ड और कम्युनिटी सर्विस व तैराकी में अनुभव रखते होंगे। आपदा रिस्पोंस ऑपरेशन्स का उनको पूर्व का भी अनुभव होगा।
आपदा मित्र और आपदा सखियों को बचाव के उपकरण व सेफ्टी किट से लैस किया जाएगा ताकि किसी भी आपदा से निपट सके। इसके लिए उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योजना के तहत प्राकृतिक आपदा जैसे बारिश, बादल फटना, ओलावृष्टि आदि से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार राहत एवं आपदा प्रबंधन के लिए इस कार्ययोजना पर तेजी से काम कर रही है। सरकार इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की 10 लाख महिलाओं को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण देगी। साथ ही आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन 1070 को 112 हेल्पलाइन से इंट्रीग्रेटेड भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार जहां अगले छह महीनों में राज्य आपदा प्रबंधन योजना को आगे बढ़ाते हुए आकाशीय विद्युत के लिए लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम के क्रियान्वयन की तैयारी कर रही है। वहीं जिलास्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना भी बना रही है। सरकार बेहतर बाढ़ प्रबंधन की दिशा में सभी नदी बेसिन के लिए डिजिटल एलिवेशन मॉडल सहित नदी निगरानी तंत्र मजबूत बनाने के लिए भी तैयारी में जुटी है। बीते पांच सालों में योगी सरकार के प्रयासों से राहत आयुक्त कार्यालय में राज्यस्तरीय इमरजेंसी सेंटर व राहत हेल्पलाइन 1070 की स्थापना की गई। प्रदेश में राहत हेल्पलाइन को 24 घंटे क्रियाशील रखते हुए 15 कॉल सेंटर भी संचालित हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    