उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी की पावन तिथि पर प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपम सौगात देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 100 बेड के सभी संसाधनों से युक्त उच्चीकृत अस्पताल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक विकास खंड क्षेत्र में 25 से 30 बेड के बेहतरीन सीएससी-पीएससी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
सीएम योगी रविवार को गोरखपुर के जंगल कौड़िया पीएचसी से पूरे प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का शुभारंभ कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य देना सरकार का कर्तव्य और हम इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उत्तम आरोग्यता से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होगा और स्वस्थ समाज के होने पर ही हम सशक्त उत्तर प्रदेश और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ी है।कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में इलाज का एकमात्र केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। वह भी कब बंद हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता था। वहां न डॉक्टर पर्याप्त थे और न ही दवाएं। आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज बहुत अच्छे ढंग से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की चिकित्सा की सुविधा के लिए गोरखपुर में एम्स भी खुल गया है। साथ ही साथ देवरिया, सिद्धार्थनगर व बस्ती में नए मेडिकल कॉलेज सेवाएं दे रहे हैं। कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है और महाराजगंज में मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
एक-दो साल में सदा के लिए समाप्त हो जाएगा इंसेफलाइटिस :
सीएम योगी ने इस अवसर पर संचारी रोगों की रोकथाम पर अंतर्विभागीय समन्वय व सामूहिकता की ताकत का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी ताकत के दम पर उत्तर प्रदेश पीएम मोदी के मार्गदर्शन में कोरोना नियंत्रण का बेहतरीन मॉडल देने में सफल रहा है। यही नहीं, अंतर्विभागीय समन्वय व टीम वर्क के बल पर 1977 से लेकर 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में पचास हजार मासूमों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस पर नकेल कस दिया है। उन्होंने कहा कि 40 वर्ष ने इंसेफलाइटिस को समाप्त नहीं किया जा सका था, इसके इलाज के लिए संसाधन तक नहीं थे। पर, केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर सिर्फ चार साल में इंसेफलाइटिस को समूल उखाड़ने में सफलता हासिल की है। मस्तिष्क ज्वर अब नाममात्र का है। थोड़ी सी सतर्कता और सामूहिक प्रयास से अगले एक-दो साल में इंसेफेलाइटिस सदा के लिए समाप्त हो जाएगा।
कोरोना काल में सबने देखे संवेदनशील सरकार के कार्य :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक संवेदनशील सरकार कैसे कार्य करती है, कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में सभी लोगों ने देखा है। महामारी के दौरान कोरोना वारियर्स के सेवा भाव व टीम वर्क की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक वैक्सीन की 30 करोड़ डोज उपलब्ध कराई जा चुकी है। फ्री जांच, इलाज व वैक्सीन के साथ डबल इंजन की सरकार ने हर जरूरतमंद को हर माह राशन का डबल डोज भी दिया। ये सभी कार्य निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
बचाव ही सर्वोत्तम उपाय :
मुख्यमंत्री ने लोगों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान, टीबी व फाइलेरिया मुक्ति अभियान से भी जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदैव कहते हैं कि बचाव ही बीमारियों से दूर रहने का सर्वोत्तम उपाय है। यदि बीमारी हो भी गई तो उसे छुपाने की बजाय समय पर इलाज कराने की आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि 2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जबकि पीएम मोदी ने इसके लिए 2025 का ही लक्ष्य निर्धारित किया है। जनसामान्य टीबी मरीजों की पहचान और उनके इलाज में अपना योगदान दे। टीबी मरीजों को सरकार की तरफ से प्रति माह 500 रुपया पोषण भत्ता भी दिया जाता है।
हर रविवार को आरोग्यता की सौगात, परामर्श, जाँच, दवा सब मुफ्त :
सीएम योगी ने कहा कि आज से प्रारंभ हो रहा जन आरोग्य मेला हर रविवार को प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगेगा। मेला में लोगों को निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श, निशुल्क जांच व मुफ्त दवाओं के माध्यम से आरोग्यता का उपहार मिलेगा। आरोग्य मेला 2020 में ही शुरू किया गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। एक बार फिर इसका शुभारंभ हो रहा है। इसका उद्देश्य सभी लोगों को बिना भेदभाव चिकित्सा सेवा का लाभ पहुंचाना है। मेले में सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनने से रह गए हैं, वे बनवाकर इसका लाभ उठाएं। आरोग्य मेला के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही फाइलेरिया के रोगियों को किट भी प्रदान किया।