उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को जबरन धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोप है कि दिल्ली से संचालित ये गिरोह बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण पैसा, शादी और नौकरी का लालच दे कर करा चुका है। लंबी पूछताछ के बाद दो लोगों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है। इसमें एक का नाम मुफ्ती जहांगीर आलम है और दूसरे का नाम उमर गौतम है। आरोप है कि इन लोगों ने एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराया है जिसमें अधिकतर हिंदुओं को मुस्लिम बनाया गया है।
यूपी प्रशासन के मुताबिक इनके निशाने पर वो लोग थे, जो मूक-बधिर, गरीब बेसहारा महिलाएं थीं। राज्य के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक ये लोग मूक-बधिर छात्रों को नौकरी का, गरीबों को पैसे का, बेसहारा महिलाओं का शादी कराने और परिवार बसाने का लालच देते थे। पुलिस ने बताया हैकि ये पूरा खेल दिल्ली के जामिया नगर से चल रहा था। मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम, दोनों ही दिल्ली के जामिया नगर में रहता था। काजी जहांगीर और उमर गौतम से पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले के सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण कराने वाले दोषियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई कर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में निरूद्ध करने के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने वालों की संपत्ति जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाए।
सीएम योगी ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरोह में कई लोगों के शामिल होने की जानकारी है। छानबीन की जा रही है। धर्मांतरण कराने के बाद कई लड़कियों की शादी भी कराई जा चुकी है। दोनों आरोपियों को तीन जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया गया है।