गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढह गया, जिससे महिसागर नदी में कई वाहन गिर गए। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हुए। यह पुल आनंद और वडोदरा को जोड़ता है। हादसे के बाद विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया।
गंभीरा पुल 900 मीटर लंबा है और 1985 में बनाया गया था। सुबह 7:30 बजे हुए हादसे में दो ट्रक, एक एसयूवी, एक पिकअप वैन और एक ऑटो-रिक्शा नदी में गिर गए। वडोदरा के कलेक्टर अनिल धामेलिया ने 9 मौतों की पुष्टि की। बचाव कार्य में वडोदरा अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ, और स्थानीय लोग शामिल हुए।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेट ने इसे ‘गुजरात मॉडल’ में भ्रष्टाचार का सबूत बताया। गुजरात कांग्रेस के अमित चावड़ा ने कहा कि सरकार ने पुल की खराब हालत की चेतावनियों को नजरअंदाज किया। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन पर रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाया। शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने जनता से घटिया निर्माण के खिलाफ विरोध की अपील की। तृणमूल कांग्रेस ने 2022 के मोरबी हादसे का जिक्र करते हुए सरकार की आलोचना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के आदेश दिए और तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम को मौके पर भेजा। उन्होंने घायलों के इलाज के लिए तत्काल व्यवस्था करने को कहा।
हादसे ने आनंद और वडोदरा के बीच यातायात को बाधित कर दिया। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि 6 लोगों को बचाया गया। यह हादसा गुजरात में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और रखरखाव पर सवाल उठाता है, खासकर जब 2022 में मोरबी में 135 लोगों की मौत हुई थी।