भाजपा सांसद वरुण गांधी ने दूध, दही और चावल जैसे डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने की सोमवार को आलोचना करते हुए कहा कि इससे पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों को नुकसान होगा।
बता दें कि 25 किलो से कम वजन वाले अनाज, दाल और आटे जैसे प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत का माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू हो गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज और दाल से लेकर दही, मक्खन और 'लस्सी' तक की वस्तुओं पर जीएसटी लगाने पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) का एक सेट जारी किया।
गांधी ने ट्वीट किया, "रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी के बीच लिए गए इस फैसले से मध्यम वर्ग के परिवारों, खासकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं पर अधिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। हम उन्हें ऐसे समय में चोट पहुंचा रहे हैं जब उन्हें राहत की जरूरत थी।"