तेलुगु फिल्म अभिनेता विजय देवरकोंडा ने आखिरकार ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स से जुड़े मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोमवार को उन्होंने हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश होकर पूछताछ में हिस्सा लिया। ये मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज हुआ है और इसमें दावा किया गया है कि कुछ सेलिब्रिटीज़ ने अवैध रूप से बेटिंग ऐप्स को प्रमोट कर मनी लॉन्ड्रिंग में अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई है।
ED ने इस केस में कुल 29 हस्तियों को तलब किया है, जिनमें राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, लक्ष्मी मंचू और निधि अग्रवाल जैसे नाम शामिल हैं। विजय देवरकोंडा ने पूछताछ के बाद मीडिया से कहा कि उन्होंने किसी गैरकानूनी ऐप को प्रमोट नहीं किया और जो भी ऐप उन्होंने प्रमोट किए, वे पूरी तरह से कानूनी और कौशल आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका संबंधित कंपनी के साथ अनुबंध 2023 में ही खत्म हो चुका था और वह किसी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं रहे।
इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर कई आरोप-प्रत्यारोप लगे थे, जिसके बाद ED ने संबंधित ट्रांजैक्शनों की जांच शुरू की। प्रकाश राज ने पहले ही सार्वजनिक बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने नैतिक आधार पर 2016 के बाद से ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म का प्रचार करना बंद कर दिया था। वहीं राणा दग्गुबाती और अन्य हस्तियों ने भी स्पष्टीकरण दिया है कि वे केवल सीमित अवधि और कानूनी दायरे में रहकर प्रचार करते थे।
ED की इस जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं ये प्रचार किसी अवैध जुए के नेटवर्क को वैध दिखाने की कोशिश तो नहीं थी और क्या इसके जरिए काला धन सफेद किया गया। देवरकोंडा ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और उन्हें अपनी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। इस मामले ने सिनेमा और डिजिटल विज्ञापन की नैतिकता को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि जांच एजेंसी किन निष्कर्षों पर पहुंचती है और क्या किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।