सेहत विभाग में इसका पूरा खाका तैयार किया है। विभाग ने इसे एचआर पाॅलिसी का नाम दिया है। इसे मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। लेकिन इससे पहले सरकार डीएमई और सभी प्रिंसिपलों से जरूरी बैठक कर इस बारे विचार करेगी। सरकार ने प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की कमी को देखते हुए बॉण्ड मनी को बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह अभी पांच लाख और 10 लाख रुपए तय की गई है। इसे सरकार अब बढ़ाने जा रही है। सरकार पहले भी दो बार यह मामला मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए ला चुकी है। लेकिन कैबिनेट से स्वीकृति मिलने पर सेहत विभाग दोबारा से मामले को संशोधित कर मंत्रिमंडल की बैठक में पेश करेगी।
एमबीबीएस डॉक्टर के लिए 20 साल की सर्विस जरूरी| सरकार नियमों को और भी कड़ा करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश मे कोई भी एमबीबीएस डॉक्टरों अब यूं ही बीच में नौकरी छोड़ कर नहीं जा सकता। अब एमबीबीएस डॉक्टरों को कम से कम 20 साल तक नियमित नौकरी करनी ही होगी। डॉक्टरों 20 साल के बाद ही नौकरी छोड़ने के बारे में सोच सकता है। 20 साल के बाद नौकरी छोड़ने पर भी डॉक्टरों को 1 करोड़ रुपए बॉण्ड मनी भरनी होगी। सरकार ने विशेषज्ञों को नौकरी छोड़ने की छूट का कोई प्रावधान नहीं किया है। वह अगर बीच में नौकरी छोड़ता है तो उसे इसकी एवज में सरकार को पैसे देने होंगे।