हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्ठर ने जिला परिवहन अधिकारियों (डीटीओ)को ‘फेसलेस और कैशलेस’ प्रणाली लागू करके परिवहन विभाग में पूरी पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को राज्य के सभी 22 जिलों के डीटीओ की बैठक में सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्ट्राचार किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। इसके लिए अधिकारी पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने करनाल और गुरुग्राम के डीटीओ को पोर्टेबल वेइंग मशीनें भी दीं। उन्होंने कहा कि शुरू में विभाग द्वारा 45 पोर्टेबल वेइंग मशीनें खरीदी गई हैं और यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इस तरह की और भी मशीनें खरीदी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन मशीनों के माध्यम से ओवरलोडिंग वाहनों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। मोटर वाहन निरीक्षकों (एमवीआई) द्वारा किए जा रहे वाहनों के निरीक्षण और प्रमाणीकरण की मौजूदा कार्यप्रणाली में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार द्वारा जिला रोहतक के कन्हेली में निरीक्षण और प्रमाणीकरण केंद्र स्थापित किया गया है। यह केन्द्र जींद, सोनीपत, पानीपत और झज्जर जिलों के वाहनों की जरूरतों को पूरा करेगा। यह भी बताया गया कि इस तरह के केंद्र करनाल, अम्बाला, रेवाड़ी, हिसार, फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों में भी स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ प्रदेश के लोगों को स्वच्छ शासन प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में बार-बार मिलने वाली भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायतों पर सख्ती से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने ‘ऑपरेशन शुद्धि’ शुरू किया है, जिसके तहत विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं और सभी जिलों में स्वतंत्र डीटीओ नियुक्त करना इन्हीं में से एक है।
उन्होंने कहा कि न केवल विभाग के 250 कर्मचारियों को स्थानांतरित किया गया है बल्कि बिचौलिया किस्म के लोगों की सूची भी सभी डीटीओ को भेजी गई है और कार्यालयों में उनके प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को उनकी कार्यप्रणाली में सुधार करने का सख्त संदेश दिया जा सके।
डीटीओ को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जिलों में नियुक्त करके उन पर बड़ा विश्वास जताया है और उन्हें समाज की सेवा करने के हरसम्भव प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी डीटीओ को अपने कार्यालय में प्रवेश करने वाले लोगों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने के लिए प्रौद्योगिकी और सीसीटीवी कैमरों जैसे अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, कार्यालयों में आने वाले लोगों का ब्यौरा रखने के लिए भी अलग रजिस्टर कायम किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि फील्ड में छापेमारी करते समय पूरी गोपनीयता बरती जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी तरीके से इसका खुलासा न हो।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डीटीओ से समय-समय पर ट्रांसपोर्ट यूनियनों के साथ बातचीत करने और धैर्यपूर्वक उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कहा ताकि उनके समाधान के लिए उचित कार्रवाई की जा सके।
दूसरे राज्यों से माल और खनन सामग्री लेकर हरियाणा में प्रवेश करने वाले ओवरलोडिंग वाहनों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से आने-जाने वाले वाहनों की घुसपैठ पर नियंत्रण रखने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं पर नियमित जांच की जाए।