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"हमें उनसे पूरी सहानुभूति है, लेकिन अदालत क्या कर सकती है": यूक्रेन में फंसे छात्रों पर बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अटॉर्नी जनरल, के के वेणुगोपाल से कहा कि वह रोमानिया की सीमा के पास...

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अटॉर्नी जनरल, के के वेणुगोपाल से कहा कि वह रोमानिया की सीमा के पास युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे कुछ भारतीय मेडिकल छात्रों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास करें।

सीजेआई एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक वकील की इस दलील पर गौर किया कि कई छात्र ठंड में रोमानियाई सीमा के पास फंसे हुए हैं और सरकार रोमानिया से उड़ानें नहीं चला रही है।

वकील ने जस्टिस ए एस बोपन्ना और हेमा कोहली की पीठ को बताया, “उड़ानें रोमानिया से नहीं बल्कि पोलैंड और हंगरी से संचालित की जा रही हैं। ऐसे कई छात्र-छात्राएं हैं जो वहां बिना किसी सुविधा के फंसे हुए हैं।"

इस मामले पर पीठ ने कहा, 'हमें उनसे पूरी सहानुभूति है। लेकिन अदालत क्या कर सकती है।' हालांकि, कोर्ट ने शीर्ष कानून अधिकारी को वहां फंसे हुए छात्रों को मदद देने पर विचार करने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि हज़ारों भारतीय छात्रों को यूक्रेन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से युद्ध प्रभावित यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों में फंसे छात्रों को मदद की ज़रूरत है।

बता दें कि यूक्रेन का पूर्वी हिस्सा क्रूर रूसी हमले का सामना कर रहा है। गुरुवार को यहां उतरने के बाद एक छात्र ने कहा, "यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में ढेरों समस्याएं हैं और वहां रह रहे लोगों को मदद की खासा ज़रूरत है।" एक अन्य छात्रा ने कहा, "जब वह (यूक्रेन) सीमा पार करने में सफल रही, तब भी बहुत सारे छात्र वहां फंसे हुए थे। मैं प्रार्थना कर रही हूं कि वे भी वहां से निकल जाएं।"

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