कोई शादी में जयमाला डालते वक्त गिर रहा है, कोई जिम में वजन उठाते हुए, तो कोई सड़क पार करते ही बेसुध हो जा रहा है। ऐसे मामले पिछले कुछ सालों में काफी बढ़े हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को कोविड वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स से जोड़ रहे हैं। हालांकि कारण जो भी हो, सरकार इन दावों को गंभीरता से ले रही है। सरकार ने कहा है कि अचानक होने वाले हृदयघात और कोविड-19 वैक्सीन के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके समर्थन में सरकार ने दो वैज्ञानिक अध्ययनों का हवाला भी दिया है।
सरकार ने क्या कहा?
अचानक बढ़ते हार्ट अटैक और उनके कोविड-19 वैक्सीन से संबंध को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल (NCDC) ने अध्ययन किया है। सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में इन दोनों संस्थानों की रिपोर्ट साझा की है।
ICMR ने ‘18 से 45 वर्ष के वयस्कों में अचानक हो रही मौतों के कारण’ विषय पर रिसर्च की है। इसी विषय पर एम्स दिल्ली में भी एक शोध चल रहा है। सरकार का कहना है कि हालांकि ये शोध पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं, लेकिन शुरुआती निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि युवाओं में अचानक हो रही मौतों और कोविड वैक्सीन के बीच कोई संबंध नहीं है।
अध्ययनों में क्या सामने आया?
अध्ययनों में पाया गया है कि जिन लोगों की मौतें अचानक हुईं, उनमें कोविड वैक्सीन का कोई हाथ नहीं था। ये मौतें अधिकतर उन लोगों में देखी गई हैं जो पहले कोविड संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हो चुके थे।
चूंकि कोविड के प्रभाव कई बार लंबे समय तक शरीर में रहते हैं, इसलिए संक्रमण का असर देर तक रह सकता है। लेकिन जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, वे सुरक्षित हैं। वैक्सीन न केवल कोविड के लंबे प्रभाव को कम करती है बल्कि संक्रमण फैलने से भी रोकती है। इसलिए जिन लोगों की मौतें हो रही हैं, वे वैक्सीन के कारण नहीं हैं। वास्तव में, जिन्होंने टीका लिया है, उनके लिए यह एक रक्षा कवच जैसा काम करता है।
फिर मौतें क्यों हो रही हैं?
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, अचानक हो रही मौतों के पीछे पारिवारिक इतिहास भी एक महत्वपूर्ण कारण है। जिन लोगों के परिवार में पहले से हृदय रोग रहे हैं, उनमें हार्ट अटैक की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।
इसके अलावा लाइफस्टाइल फैक्टर्स भी अहम भूमिका निभाते हैं। अत्यधिक शराब और सिगरेट का सेवन करने वालों में ऐसी मौतों की संभावना दोगुनी होती है, उनकी तुलना में जो इनका सेवन नहीं करते।
समय भी एक महत्वपूर्ण कारक है। पिछले 48 घंटों में अत्यधिक शराब पीना या अत्यधिक शारीरिक गतिविधि करना अचानक मौतों का एक विशेष कारण देखा गया है।
साथ ही, कोविड संक्रमण के कारण जो लोग पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनमें भी अचानक हृदयघात की संभावना अधिक पाई गई। हालांकि, अध्ययन यह भी बताते हैं कि वैक्सीनेशन कोविड के गंभीर प्रभावों को काफी हद तक कम कर देता है।
ICMR ने अध्ययन कैसे किया?
इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कि क्या कोविड वैक्सीन से अचानक मौतें हो रही हैं, ICMR ने ऐसे कई मामलों का गहराई से अध्ययन किया। इसके लिए 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 47 टेरीटरी केयर हॉस्पिटल्स से डाटा जुटाया गया।
टेरीटरी केयर हॉस्पिटल वे अस्पताल होते हैं जहाँ गंभीर बीमारियों का इलाज होता है।
ICMR ने अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच हुई लगभग 700 आकस्मिक मौतों के कारणों का विश्लेषण किया, और पाया कि इनका संबंध वैक्सीन से नहीं था।