बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि राज्य में आवारा पशुओं की देखभाल के लिए एक अगस्त से पहले 15 गोशालाएं स्थापित की जाएंगी।
राज्य सरकार की यह दलील मंगलवार को उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति (एचसीएलएससी) द्वारा एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान आई।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने राज्य से पूछा कि क्या गोशालाएं खोलना सरकार की पंचवर्षीय योजना है। इसने राज्य सरकार को यह निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया कि वह कब से आवारा पशुओं के लिए गोशालाओं का संचालन शुरू करेगी।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया गया कि आने वाली गोशालाओं में मवेशियों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए कुछ जगहों पर बोरवेल चालू कर दिए गए हैं। अदालत को बताया गया कि पांच गोशालाएं 15 जुलाई से पहले और 10 अन्य 1 अगस्त से चालू हो जाएंगी।
अदालत ने कहा कि हर तालुक और गांव के स्तर पर एक गोशाला जरूरी है। यदि एक जिले में केवल एक गोशाला संचालित की जाती है, तो उनमें रहने वाले आवारा पशुओं की संख्या सीमित हो जाएगी।
सरकारी अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि निजी एजेंसियों ने 197 गोशालाएं शुरू की थीं, जिन्हें राज्य द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी। अदालत को बताया गया कि इस मुद्दे पर एक तथ्यान्वेषी रिपोर्ट तैयार है और इसे दो दिनों के भीतर अदालत में पेश किया जाएगा।