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केरल में क्यों प्रदर्शन कर रहीं आशा कर्मचारी? क्या राज्य सरकार पूरी करेगी मांग?

केरल सरकार के चौथे स्थापना दिवस समारोह के एक दिन बाद, राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहीं आशा...
केरल में क्यों प्रदर्शन कर रहीं आशा कर्मचारी? क्या राज्य सरकार पूरी करेगी मांग?

केरल सरकार के चौथे स्थापना दिवस समारोह के एक दिन बाद, राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कहा कि यदि सरकार ने जनहित में कुछ कार्य किया है तो जनता को उसका लाभ हकीकत में महसूस होना चाहिए, केवल उसका प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता नहीं है।

'केरल आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन' (केएएचडब्ल्यूए) की महासचिव एम. ए. बिंदु ने राज्य सरकार के स्थापना दिवस समारोह पर टिप्पणी करते हुए यह बात कही। सरकार इन समारोहों के तहत अपने चार साल के कार्यकाल में किए गए जनकल्याणकारी कार्यों की सूची जारी कर रही है।

पत्रकारों से बातचीत में बिंदु ने आरोप लगाया कि एक ओर सरकार यह कह रही है कि उसके पास प्रदर्शन कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) का मानदेय तीन हजार रुपये बढ़ाने के लिए धन नहीं है, वहीं दूसरी ओर वह भव्य समारोह आयोजित करने में भारी खर्च कर रही है।

उन्होंने कहा, “यदि सरकार ने लोगों के लिए कुछ किया है, तो जनता को स्वयं उसका लाभ महसूस होना चाहिए। अपने किए का इतने भारी-भरकम खर्च के जरिये प्रचार प्रसार करने की जरूरत नहीं है।”
 
बिंदु ने यह भी कहा कि सरकार जो खर्च कर रही है, वह आम जनता के कर के पैसे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार का रुख "अलोकतांत्रिक" है इसीलिए वे अब कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक राज्यव्यापी विरोध यात्रा निकालने जा रही हैं।

केएएचडब्ल्यूए के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं का एक समूह पिछले 72 दिनों से सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहा है।

उनकी मांग है कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद लाभ के दिए जाएं और मानदेय में वृद्धि की जाए।

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