विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने एक नयी जानकारी में कहा है कि अल नीनो घटनाक्रम के कम से कम अप्रैल 2024 तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे मौसम का मिजाज प्रभावित होने तथा जमीन और समुद्र के तापमान में और वृद्धि हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अल नीनो स्थिति- मध्य प्रशांत महासागर में सतही जल का असामान्य रूप से गर्म होना- के अगले साल दक्षिण-पश्चिमी मानसून के मौसम को प्रभावित करने की संभावना नहीं है।
अक्टूबर के मध्य तक, मध्य-पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान और अन्य वायुमंडलीय और समुद्री संकेतक अल नीनो, अल नीनो/दक्षिणी चक्र (ईएनएसओ) के गर्म चरण के अनुरूप हैं।
डब्ल्यूएमओ ने एक बयान में कहा कि अल नीनो घटना जुलाई-अगस्त के दौरान तेजी से विकसित हुई और सितंबर तक मध्यम स्तर तक पहुंच गई, तथा नवंबर 2023 से जनवरी 2024 में एक मजबूत घटना के रूप में इसके चरम पर पहुंचने की संभावना है। असाधारण रूप से मजबूत अल नीनो और जलवायु परिवर्तन की ‘दोहरी मार’ के कारण रिकॉर्ड पर पिछला सबसे गर्म वर्ष 2016 था।