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भारत सरकार के खाते ब्लॉक करने के आदेश पर X की आपत्ति, कानूनी विकल्पों की तैयारी में जुटा प्लेटफॉर्म

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर), जो अब एलन मस्क के स्वामित्व में है, ने भारत सरकार द्वारा 2,355 खातों...
भारत सरकार के खाते ब्लॉक करने के आदेश पर X की आपत्ति, कानूनी विकल्पों की तैयारी में जुटा प्लेटफॉर्म

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर), जो अब एलन मस्क के स्वामित्व में है, ने भारत सरकार द्वारा 2,355 खातों को ब्लॉक करने के आदेश पर गहरी चिंता जताई है और कहा है कि वह सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। X का कहना है कि इन खातों में प्रमुख समाचार एजेंसी Reuters के अकाउंट्स भी शामिल थे।

X ने अपने आधिकारिक “Global Government Affairs” हैंडल पर एक बयान जारी कर बताया कि उसे 3 जुलाई को भारत सरकार से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत यह आदेश मिला, जिसमें आदेश का पालन एक घंटे के भीतर करने को कहा गया। आदेश में यह भी चेतावनी दी गई थी कि अनुपालन न करने पर कंपनी और उसके स्थानीय कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

X ने कहा, “हमें इन ब्लॉकिंग आदेशों से प्रेस सेंसरशिप के स्पष्ट संकेत मिलते हैं। हम इससे बेहद चिंतित हैं और सभी कानूनी विकल्पों की पड़ताल कर रहे हैं।” बाद में सरकार की ओर से सफाई आने और मीडिया में हंगामे के बाद Reuters के अकाउंट्स को अनब्लॉक कर दिया गया।

हालांकि, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeitY) ने कहा कि उसने Reuters के अकाउंट को ब्लॉक करने का कोई सीधा आदेश नहीं दिया था। मंत्रालय का कहना है कि संबंधित आदेश की समीक्षा की जा रही है और X से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

X ने आगे कहा कि वह भारतीय कानूनों की सीमाओं में बंधा हुआ है, इसलिए सीधे आदेशों को चुनौती नहीं दे सकता। उसने प्रभावित उपयोगकर्ताओं से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट का रुख करें।

इस विवाद ने भारत में सोशल मीडिया सेंसरशिप और डिजिटल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले समय में सरकार और टेक कंपनियों के बीच अधिकारों के संतुलन को परिभाषित कर सकता है।

भारत में कई पत्रकार और यूज़र्स इस कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं और मानते हैं कि डिजिटल स्पेस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ऐसी कानूनी लड़ाइयां ज़रूरी हैं।

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