पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता इंजमाम उल हक ने अपने दौर के भारतीय बल्लेबाजों पर वार करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। इंजमाम-उल-हक का मानना है कि भारतीय बल्लेबाजों ने टीम के बजाय खुद के लिए शतक बनाए, जबकि उनकी तरफ से खेलने वाले खिलाड़ी इसके बिल्कुल विपरीत थे। इंजमाम उल हक ने पाकिस्तान के लिए एक लंबे अरसे (16 साल) तक क्रिकेट खेला है।
रमीज राजा के यूट्यूब चैनल पर कही यह बात
इंजमाम ने रमीज राजा के यूट्यूब चैनल पर इस बारे में चर्चा करते हुए कहा, 'जब हम भारत के खिलाफ खेलते थे तो कागज पर उनकी बल्लेबाजी हमसे मजबूत थी। उनके बल्लेबाजों के रिकॉर्ड हमसे बेहतर होते थे लेकिन हमारे बल्लेबाज 30 या 40 रन भी बनाते थे तो वह टीम के लिए होते थे। लेकिन भारत के खिलाड़ी शतक भी बनाते थे तो अपने लिए ही बनाते थे वो उनके लिए होता था। भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों को बीच उस वक्त ये फर्क था।'
इमरान खान की प्रशंसा की
इंजमाम उल हक ने साल 1991 में पाकिस्तान के लिए डेब्यू किया था और उस वक्त टीम के कप्तान इमरान खान थे जिनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने साल 1992 में वनडे विश्व कप खिताब जीता था। पाकिस्तान को विश्व कप चैंपियन बनाने में भी इंजमाम का भी अहम योगदान था। उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में अहम पारियां खेली थीं। इमरान खान की तारीफ करते हुए इंजमाम ने कहा कि वो खराब फॉर्म में भी चल रहे खिलाड़ियों का भी बचाव करते थे। उन्हें पता था कि कौन खिलाड़ी क्या है और सभी उनकी बहुत इज्जत करते थे।
सभी खिलाड़ी करते थे सम्मान
इमरान खान के बारे में इंजमाम ने कहा कि वो बहुत ज्यादा तकनीकी कप्तान नहीं थे, लेकिन उन्हें ये पता था कि अपने खिलाड़ियों से बेस्ट प्रदर्शन कैसे कराना है। उन्होंने हमेशा ही अपने खिलाड़ियों का भरपूर साथ दिया और इसकी वजह से ही वो महान कप्तान बने। इंजमाम ने यह भी कहा, इमरान खान की खासियत थी कि यदि कोई खिलाड़ी किसी एक सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता था तो टीम से बाहर नहीं करते थे। वे उस खिलाड़ी को खुद को साबित करने के लिए मौका देते थे। यही कारण है कि सभी सभी खिलाड़ी उनका सम्मान करते थे। इंजमाम ने पाकिस्तान के लिए 120 टेस्ट, 378 वनडे और एक टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले थे।