सवाल उठता है:
क्या भारत में ईमानदार होना अपनी जान को खतरे में डालना है?
भ्रष्ट और बेईमान लोगों के इतना शक्तिशाली होने की वजह क्या हैं?
अपराधियों को कौन संरक्षण देता है?
क्या भारत में कोई भी व्यवसाय ईमानदारी से संभव नहीं?
क्या यह सब क्रोनी कैपिटलिज्म के लक्षण हैं?
हम इन सारे सवालों पर अपने पाठकों की राय जानना चाहते है। आप अपनी विस्तृत राय नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।