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नेताजी पर सरकार का पाखंड

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के रहस्य के मसले पर कांग्रेस की सरकारों, खासकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ आग उगलने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली वाजपेयी सरकार और वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इससे संबंधित विभिन्न आयोगों की रिपोर्टों, खुफिया सूचनाओं और अन्य दस्तावेजों के खुलासे से इनकार किया।
नेताजी पर सरकार का पाखंड

पिछले वर्ष ही सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने जब इस संबंध में सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदन डालकर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी तो जवाब मिला कि यह देने से मित्र देशों के साथ रिश्ते खराब हो जाएंगे। लेकिन पीएमओ ने देशों का नाम तक नहीं बताया।

क्या 1947  से 1970  के दशक तक लंबे कांग्रेस शासन के दौरान नेताजी के परिजनों के खिलाफ आईबी की निगरानी के खुलासे के बाद जरूरी नहीं हो गया है कि पाखंड छोड़कर नरेंद्र मोदी सरकार नेताजी की मौत के बारे में तमाम दस्तावेज सार्वजनिक करे। 

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