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पाक से क्रिकेट क्‍याेें जरूरी?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुखिया शहरयार खान भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर बहाल करने के प्रयास के तहत भारत आए और यहां भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों से मिले।
पाक से क्रिकेट क्‍याेें जरूरी?

बताया जाता है कि बीसीसीआई के वर्तमान नेतृत्व का रुख इस बारे में सकारात्मक है मगर दोनों देशों के बीच के आपसी राजनीतिक रिश्ते क्रिकेट संबंधों के आड़े आ रहे हैं। देश में सत्तारूढ़ दल का यह घोषित रुख रहा है जब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करता तब तक उसके साथ क्रिकेट नहीं खेला जाना चाहिए। मगर इस बारे में केंद्र सरकार के बदले रुख का अंदाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे चुके हैं। मोदी भाजपा सांसदों के सामने कह चुके हैं कि क्रिकेटीय संबंधों में अब दोनों देशों को आगे बढ़ना चाहिए।

इसके बावजूद कुछ सवाल हैं जिनके जवाब तलाशने होंगे। सबसे पहला सवाल सुरक्षा का है। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात ऐसे नहीं हैं कि वह किसी भ्रमणकारी टीम को पूरी सुरक्षा की गारंटी दे सके। दूसरा सवाल पैसे का है। जब से वर्ष 2009 में श्रीलंका टीम पर पाकिस्तान में आतंकी हमला हुआ है तब से दुनिया का कोई भी बड़ा क्रिकेटीय देश पाकिस्तान दौरे पर नहीं गया है। इसके कारण वहां के बोर्ड की हालत खस्ता हो चुकी है। ऐसे में भारतीय टीम के दौरे के ‌लायक पैसे जुटाना भी पाक बोर्ड के लिए मुश्किल हो सकता है। तीसरा सवाल आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन का है। 

दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध बहाल हों या नहीं और क्या राजनीति को खेल पर हावी होने देना चाहिए? इन सवालों पर आप भी अपनी राय दें। नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपनी राय लिखकर इस बहस में आप हिस्सेदारी कर सकते हैं।

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