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कहां है आप का आंतरिक लोकतंत्र?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नई तरह की जन आकांक्षाएं पैदा की थीं। लेकिन सरकार बनने के कुछ ही वक्त बाद पार्टी के भीतर का वैचारिक संघर्ष बाहर आ गया है। अरविंद केजरीवाल और समर्थकों के निशाने पर पार्टी नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण हैं। इन दोनों नेताओं ने पार्टी के भीतर लोकतांत्रिकरण की बहस उठाई थी। साथ ही पार्टी में व्यक्ति के बजाय सामूहिक निर्णय पर जोर दिया था। अब पार्टी के भीतर नैतिक सवालों को भीड़ के तर्क के आधार पर हल करने की कोशिश की जा रही है।
कहां है आप का आंतरिक लोकतंत्र?


इससे सवाल उठता है कि क्या आप के भीतर असहमित की आवाजों के लिए कोई जगह नहीं है?

क्या अरविंद केजरीवाल निरंकुश नेता बनने की तरफ बढ़ रहे हैं?

क्या आप में आत्मालोचना के लिए कोई जगह है?

हम इन सारे सवालों पर अपने पाठकों की राय जानना चाहते हैं। आप अपनी राय नीचे दिये कमेंट बॉक्स में जाहिर कर सकते हैं।

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