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आरबीआई के रेपा दर में कटौती से मकानों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद: रियल एस्टेट

जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों ने कहा कि आरबीआई के रेपो दर में कटौती से ब्याज दर...
आरबीआई के रेपा दर में कटौती से मकानों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद: रियल एस्टेट

जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों ने कहा कि आरबीआई के रेपो दर में कटौती से ब्याज दर कम होने की उम्मीद है, जिससे मकानों की बिक्री बढ़ेगी और क्षेत्र को जरूरी गति मिलेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को बुधवार को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया।

क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ‘‘ शुल्क बढ़ोतरी और वैश्विक तनावों के कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय, यह कदम मुद्रास्फीति में कमी तथा स्थिर होते वृहद आर्थिक दृष्टिकोण के बीच वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है...।’’ उन्होंने कहा कि दरों में कटौती उपभोक्ता धारणा को बढ़ाने और उधार लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सही समय पर की गई है...।

ईरानी ने कहा, ‘‘ इससे आवास ऋण सस्ता होगा, मांग को बढ़ावा मिलने और मध्यम आय व किफायती क्षेत्रों को मजबूत प्रोत्साहन मिलने की संभावना है...।’’

रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि इस निर्णय से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ कम ब्याज दर से आवास ऋण सस्ते हो जाएंगे, जिससे सभी श्रेणियों में आवास की मांग बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप आवासीय बिक्री में वृद्धि होगी, बाजार में बेहतर नकदी होगी और बिना बिके मकानों की संख्या में कमी आएगी।’’

हरि बाबू ने कहा कि इससे डेवलपर को खासकर किफायती श्रेणी में नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा...।’’

रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ मौजूदा शुल्क चिंताओं और वैश्विक चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था के लिए रेपो दर में कटौती का आरबीआई का फैसला महत्वपूर्ण है। इस कदम का उद्देश्य नकदी की कमी को दूर करना और कारोबारी भरोसा को बढ़ावा देना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दर में कटौती से निवेशकों की भावना को बढ़ावा मिलने, वित्तपोषण की स्थिति में सुधार होने और मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इससे विशेष तौर पर आवास ऋण को और अधिक किफायती बनाने और मध्यम श्रेणी व किफायती आवास बाजारों में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है...।’’

 

अनंत राज लि. के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमन सरीन ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार नीतिगत दर में कटौती एक स्वागत योग्य कदम है। इससे खरीदारों के लिए आवास ऋण सस्ता होगा जिससे रियल एस्टेट की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।’’

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ रिजर्व बैंक ने महत्वपूर्ण समय पर ब्याज दर घटाने का निर्णय लिया है। इस समय मुद्रास्फीति में स्थिरता के संकेत दिखने लगे हैं और व्यापक आर्थिक परिवेश कम ब्याज दरों के माध्यम से वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल हो रहा है, ऐसे में यह कदम महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से घर खरीदने वालों की धारणा में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि ब्याज दरों में कमी से मकान खरीदने की क्षमता में सुधार होगा, जिससे बड़ी संख्या में लोग अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।’’

कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा, ‘‘ रेपो दर में कटौती और मौद्रिक रुख को ‘तटस्थ’ से ‘उदार’ करना अमेरिका के जवाबी शुल्क के बाद वैश्विक बाजारों में बढ़ती अनिश्चितता की पृष्ठभूमि में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है...।’’

प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसुजा ने कहा, ‘‘ कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद औसत आवास की कीमतों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फरवरी और अप्रैल 2025 में रेपो दर में लगातार दो कटौती आवास ऋण लेने वालों को राहत प्रदान करेगी क्योंकि इससे मासिक किस्त कम होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे आवास ऋण की ब्याज दरें कम होंगी, वैसे-वैसे लोग आवास खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।’’

अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा, ‘‘ आरबीआई का यह कदम स्वागत योग्य है, जो मकान खरीदने वालों की धारणा को बढ़ावा देगा, आवास ऋण को सस्ता बनाएगा और भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में विकास को और तेज करेगा।’’

कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा, ‘‘ नीतिगत दरों में कटौती से मकान खरीदारों को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है। कई संभावित खरीदार जो अब तक बाजार को लेकर सतर्क रुख अपनाए हुए थे अब अपने सपनों का घर खरीदने की दिशा में निर्णायक कदम उठा सकते हैं। साथ ही, ब्याज दरों में कटौती से डेवलपर के लिए कर्ज की लागत घटेगी, जिससे वे आगामी तिमाहियों में अधिक परियोजनाएं पेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे..।’’

एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा, ‘‘लगातार दूसरी बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती यह दिखाती है कि सरकार आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहती है, जिसका सीधा फायदा रियल एस्टेट क्षेत्र को मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दर कम होने से आवास ऋण सस्ते होंगे, जिससे ज्यादा लोग घर खरीदने के लिए आगे आएंगे और सभी खंडों में मांग को मजबूती मिलेगी...।’’

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