सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में औपनिवेशिक काल के ढहते भवनों में कई रहस्यमयी कहानियां दफन हैं। भूतिया पुलों और कब्रिस्तान में भूतों की परछाईयों की कई कहानियां हैं जो कोलकाता के लोगों के जेहन में है लेकिन समय के साथ यह यादें धुंधली होती चली गई हैं।
दिन में राजनयिक का कामकाज और रात में भूतों की कहानियों को ढूंढने वाले एतीयेन ने अपनी हाल ही में जारी पुस्तक घोस्ट्स ऑफ कोलकाता में अपने इन्हीं अनुभवों को साझा किया है। इस किताब में उन्होंने इतिहास की तंग गलियों से होते हुए तथ्यों और कल्पनाओं का एक ताना-बाना बुना है।
उन्होंने बताया, ‘वास्तव में इस पुस्तक में क्या है यह कहना मुश्किल है। यह कई तरह के किस्सों का मेल है। इसमें कुछ गैर-गल्प है। इसमें कुछ भाग यात्रा वृतांत्त है। इसके बाद में गल्प खंड है जिसमें भूत अपनी कहानियां कह रहे हैं।
उन्होंने बताया, ‘यह वास्तव में एतिहासिक तथ्यों के साथ गल्प का मिश्रण है। कुछ जगहों पर यथार्थ से मुझे मदद नहीं मिली तो मैंने अंतराल पाटने के लिए कल्पना का सहारा लिया।’
उन्होंने बताया कि इस उपन्यास की शैली डरावनी या थ्रिलर नहीं है। बल्कि इसमें बीते जमाने के भूतों पर सिर्फ नजर डाली गई है।