कवि और पत्रकार प्रांजल धर को प्रिंट मीडिया की श्रेणी में भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनकी बहुचर्चित पुस्तक 'मीडिया और हमारा समय' के लिए प्रदान किया गया। निर्णायक मंडल में पुष्पेश पंत, भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई, शरद दत्त और मृणाल पांडे शामिल हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया श्रेणी में यही पुरस्कार अभिषेक लाकड़ा को एफएम रेडियो तथा एफएम गोल्ड पर प्रसारित की जा चुकी कार्यक्रम श्रृंखला बॉर्न टू बी रिमेम्बर्ड के लिए प्रदान किया गया है। यह श्रृंखला 365 दिनों तक अनवरत प्रसारित की गई थी। इसमें प्रतिदिन किसी एक बड़ी शख्सियत पर शोधपूर्ण, रोचक और दुर्लभ सामग्री प्रसारित की जाती थी। दोनों विजेताओं को एक लाख इक्यावन हजार रुपये की पुरस्कार राशि सहित प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। प्रांजल धर की पुस्तक 'मीडिया और हमारा समय' समकालीन वैश्विक परिस्थितियों में मीडिया के कार्यों, भाषा, प्रस्तुति व एजेंडे की गहन पड़ताल करती है।
इससे पहले प्रांजल धर को पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार, राजस्थान पत्रिका पुरस्कार, अवध भारती सम्मान तथा अनेक अन्य राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। कविता के लिए उन्हें भारत भूषण अग्रवाल कविता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनका कविता संग्रह 'अंतिम विदाई से तुरंत पहले' साहित्य अकादेमी से प्रकाशित हुआ है। जबकि अभिषेक ने रॉक स्टार, दिल तो बच्चा है जी, सात खून माफ और खेलेंगे हम जी जान से जैसी अनेक फिल्मों में स्पेशल इफेक्ट्स में अपनी सराहनीय भूमिका निभाई हैं।
इस अवसर पर मीडिया के आग्रह और दुराग्रह विषय पर हरिकृष्ण त्रिवेदी स्मृति व्याख्यान के अंतर्गत शुक्रवार पत्रिका के पूर्व संपादक एवं वरिष्ठ कवि कथाकार विष्णु नागर ने अपनी बातें रखीं। इस कार्यक्रम में अनेक साहित्यकार, पत्रकार एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।