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कुल्लू दशहरा को लेकर तैयारियां जोरों पर

हिमाचल प्रदेश में कु्ल्लू के विश्व प्रसिद्ध दशहरे के आयोजन के लिए जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। इस दफा महोत्सव में लाए जाने वाले देवी-देवताओं के लिए विशेष स्थान का प्रबंध किया जा रहा है। गौरतलब है कि हिमाचल में प्रत्येक गांव के स्थानीय देवी-देवता होते हैं जिनकी जबरदस्त मान्यता होती है। दशहरे के दिन सभी देवी-देवता पालकी में सम्मानजनक तरीके से दशहरा स्थल पर लाए जाते हैं। इस दफा देवी-देवताओं के आसीन होने के लिए वर्षों पुराने कंक्रीट के प्लेटफॉर्म हटा कर लकड़ी के नए प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं।
कुल्लू दशहरा को लेकर तैयारियां जोरों पर

 

देवी देवता करदार संघ के तहत 455 देवी देवता हैं, जिनके लिए नए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं। इनकी मांग थी कि इनके देवी-देवताओं को परंपरागत तरीके से लकड़ी के प्लेटफॉर्म दिेए जाएं। हिमाचल में करदार संघ एकमात्र संघ है जो देवी-देवताओं से जुड़े मसलों का नेतृत्व करता है। संघ के मुखिया दोत राम ठाकुर ने देवी-देवताओं के बैठने की नई व्यवस्था की तारीफ की।   

 

दशहरा महोत्सव में बलि न दिए जाने पर भी प्रशासन चौकस रहेगा। जिलाधिकारी राकेश कंवर का कहना है कि फिलहाल तो उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं आई है लेकिन फिर प्रशासन चौकस है। उच्च न्यायालय के आदेश के तहत 2014 से बलि पर पाबंदी है। कुल्लू दशहरा शांतिपूर्ण मनाया जा सके और पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए प्रशासन पुख्ता इंतजाम कर रहा है।  

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